बिहार के साढ़े तीन लाख शिक्षकों के अच्छे दिन आये

बिहार के साढ़े तीन लाख शिक्षकों के अच्छे दिन आये

बिहार के साढ़े तीन लाख शिक्षकों के अच्छे दिन आये

बिहार के साढ़े तीन लाख शिक्षकों के अच्छे दिन आये

वेतन में हुई बड़ी वृद्धि, सरकार ने दिया बड़ा तोहफा

पटना (बिहार) : बिहार के शिक्षक और शिक्षिकाओं के लिए अब, अच्छे दिन आ गए हैं। विगत कई महीनों से शिक्षक समुदाय, वेतन वृद्धि के लिए आंदोलनरत रहे हैं। जाहिर तौर पर, बिहार सरकार ने शिक्षक वर्ग को बड़ा तोहफा दिया है। बहुत जल्द ही उनके इंतजार की घड़ी खत्म होने वाली है।  गौरतलब है कि बिहार में कोरोना के तीसरी लहर के बीच, शिक्षकों के लिए यह अच्छी खबर है। सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत 586 करोड़ 41 लाख 39 हजार रुपये की स्वीकृति देते हुए, इसे जारी करने का आदेश दिया है। इस राशि से 3.52 लाख शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को 15 प्रतिशत बढ़े हुए वेतनमान के साथ, नए वेतन दिए जाएंगे। बेहद खास बात यह भी है कि सरकार ने, शिक्षकों को संक्रमण से बचाने के लिए 50 फीसद क्षमता में ही स्‍कूलों और अन्‍य शैक्षणिक संस्‍थानों में शिक्षकों को रोटेशन के आधार पर आने का निर्देश दिया है। शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज के अनुसार समग्र शिक्षा अभियान स्कीम के साथ केंद्रांश मद में प्राप्त पहली किस्त के विरुद्ध राज्यांश की राशि जारी किए जाने से शिक्षकों को वेतन भुगतान के साथ-साथ, विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में भी जल्द काम होंगे। बताना लाजिमी है कि 3.52 लाख शिक्षकों के वेतन के लिए 586 करोड़ 41 लाख की स्वीकृति मिली है। इसके साथ ही, ऑनलाईन के जरिए शिक्षण की व्यवस्था को प्राथमिकता देने का आदेश दिया गया है। राज्य के सभी सरकारी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और कोचिंग संस्थानों की कक्षा 21 जनवरी तक बंद हैं। लेकिन उनके दफ्तरों में शिक्षकों और कर्मचारियों की 50 प्रतिशत उपस्थिति होगी। शेष 50 प्रतिशत शिक्षक और कर्मचारी अगले दिन, यानि रोटेशन की तर्ज पर आएंगे। शिक्षा विभाग के सचिव असंगबा चुबा आओ की ओर से यह आदेश सभी कुलपतियों और जिलाधिकारियों को जारी किया गया है। शिक्षा सचिव ने ऑनलाईन के जरिए से शिक्षण की व्यवस्था को प्राथमिकता देने का आदेश दिया है। अफसरों को यह भी आदेश दिया गया है कि सभी जिलों में एजुकेशनल संस्थानों के 15 से 18 साल के छात्र-छात्राओं के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट से समन्वय कर के, कोरोना टीकाकरण की विशेष व्यवस्था को भी वे देखेंगे। इसमें जिलाधिकारी द्वारा सिविल सर्जन के माध्यम से कार्यान्वयन में मदद ली जाएगी।
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह